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23 Mar 2018 · 1 min read

((( मन )))

** मन **
//दिनेश एल० “जैहिंद”

जब होगा तेरा कर्म अच्छा,
तब होगा तेरा सुंदर तन ।।
जब होगी तेरी ऊँची सोच,
तब होगा तेरा सुंदर मन ।।

तन और मन का मेल अजब,
तन तेरा पूजनीय बन जाता ।।
तू पूजा जाता दुनिया में फिर,
नर तू अतुलनीय बन जाता ।।

मन अति बावरा मन गजब,
मन पर किसी का जोर नहीं ।।
मन पर जो बंधन रखे फिर,
नर बेजोड़ वह हर ओर कहीं ।।

मन-सा किसी की गति नहीं,
मन-सा कोई चित्तचोर नहीं ।।
मन अति लोभी भँवरे जैसा,
मन-सा जग में कोई और नहीं ।।

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
23. 02. 2018

Language: Hindi
306 Views

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