Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2024 · 1 min read

मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।

मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
सुख की संध्या दु:ख की रजनी,कातर मानस के करतब से
श्रृंगार भरे क्षण जीवन के,हैं ठगे ठगे बेमतलब से
सब खोकर पाया कुछ ऐसा,आह्लादमयी और कालजयी
मन हर्षित है अनुरागमयी।

देखे को कर के अनदेखा,जाने को कर के अनजाना
जब अंतरतम में शून्य भरा,तब मैंने मुझको पहचाना
धरती से लेकर अंबर तक,लगता सब कुछ मधुमासमयी
मन हर्षित है अनुरागमयी।

निज को साधा सब साध लिया,हैं चकित चकित दृग चंचल से
भटके पंछी चहुं ओर उड़े,आख़िर लिपटे तरु आंचल से
जबसे प्रज्ञा के नयन खुले,निशिदिन होती हर बात नई
मन हर्षित है अनुरागमयी।

23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
धर्म और सिध्दांत
धर्म और सिध्दांत
Santosh Shrivastava
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
"गरीब की बचत"
Dr. Kishan tandon kranti
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
12- अब घर आ जा लल्ला
12- अब घर आ जा लल्ला
Ajay Kumar Vimal
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant
जीभ
जीभ
विजय कुमार अग्रवाल
संवेदनायें
संवेदनायें
Dr.Pratibha Prakash
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
बाल कहानी- अधूरा सपना
बाल कहानी- अधूरा सपना
SHAMA PARVEEN
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
Mahendra Narayan
नया साल
नया साल
umesh mehra
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
3256.*पूर्णिका*
3256.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅चुनावी चौपाल🙅
🙅चुनावी चौपाल🙅
*प्रणय प्रभात*
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच तो हम इंसान हैं
सच तो हम इंसान हैं
Neeraj Agarwal
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
लक्ष्मी सिंह
Loading...