!! मन रखिये !!
मन रखिये, फूल गुलाब सा
जो, महके आठो याम
चलिए, दो पग प्रेम के
सुबह,दुपहरी,शाम
मन-मस्तिष्क निर्मल रहे
स्नेह रहे निष्काम
तन-मन,जन-धन स्वस्थ रहें
नयनन को अभिराम
कीर्तन,पुजा, पाठ से हो
प्रभुमय चारों धाम
यश,कृति से भरा हो जीवन
जग में करिये,ऐसा काम
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ(उ.प्र.)