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14 Sep 2021 · 1 min read

मन मोहिनी हिंदी

डॉ ० अरुण कुमार शास्त्री एक ? अबोध बालक

अरुण अतृप्त

?मन मोहिनी हिंदी?

कितना सुंदर रूप है हिंदी का

सच में यही तो श्रृंगार है

हमारी मातृभूमि का

जिसके कारण पहचान बनी ।।

जिसके चलते संचार हुआ

जग जग में इसके चलते

हम सब के अंदर नव प्राण भरा

शोभा निखरी महिमा सँवरी ।।

समवर्ती समवेत संवाद हुआ

जो जन इसको अपनाते हैं

वो जन इस का प्रयोग कर

सम्पूर्ण विश्व में बंधुत्व फैलाते हैं ।।

भाई भाई के जुड़ने से

है फिर एक कड़ी बनी

हिंदी के ही माध्यम से

सूंदर लोकाचार हुआ ।।

हम भी अपनायें हिंदी को

बोलचाल में सदा प्रथम

इसके प्रयोग का प्रचार करें

वसुधैव कुटुम्बकम सपने का

कण कण में भाव विचार करें ।।

बोलें भाषा मीठी हिन्दी

माँ भारती का सम्मान करें आदर करें

नित्य सनातन ज्ञान का हम

हर पल ही व्यवहार करें

तुम भी बोलो हम भी बोलें

जय हो जननी जय हो हिंदी ।।

Language: Hindi
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