Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2024 · 1 min read

मन में जो भी भाव लेकर कार्य करोगे आप वैसे ही परिणाम को पाओगे

मन में जो भी भाव लेकर कार्य करोगे आप वैसे ही परिणाम को पाओगे यदि तुम्हे हारने का डर है तो निश्चित ही हार जाओगे वही पर यदि तुम विजय को अपना लक्ष्य बनाकर चलोगे तो वही आत्मविश्वास आपको सफलता दिलाएगा जैसी सोच वैसा ही परिणाम।

RJ Anand prajapati

21 Views

You may also like these posts

२०२३ में विपक्षी दल, मोदी से घवराए
२०२३ में विपक्षी दल, मोदी से घवराए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
साजन तुम आ जाना...
साजन तुम आ जाना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
निखर गए
निखर गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
प्रीत निभाना
प्रीत निभाना
Pratibha Pandey
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
बड़भागिनी
बड़भागिनी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
Neeraj Chopra missed the first 🥇 diamond league title by 0.0
Neeraj Chopra missed the first 🥇 diamond league title by 0.0
पूर्वार्थ
" इन्तेहाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
നിശാഗന്ധി.
നിശാഗന്ധി.
Heera S
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संत मदर टेरेसा
संत मदर टेरेसा
Poonam Sharma
जलता हुआ एक सूरज ...
जलता हुआ एक सूरज ...
sushil sarna
सब्र या धैर्य,
सब्र या धैर्य,
नेताम आर सी
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
अपना बेरीया लागेली भागे
अपना बेरीया लागेली भागे
नूरफातिमा खातून नूरी
विरक्ति
विरक्ति
Deepesh Dwivedi
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
Shashi kala vyas
लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार
लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार
Shyam Sundar Subramanian
मीठे बोल
मीठे बोल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...