मन में जागी अभिलाषा है
मन में जागी सागर से भी गहरी अभिलाषा है
जिसे पूर्ण करने के लिए उत्पन्न हुई एक आशा है
मेहनत कर जी तोड़कर यही सफल होने की परिभाषा है
इतना सोचा तो मुझे यह समझ में आता है मेहनत ही है सब कुछ बाकी संसार एक कपोल-कल्पित काया है
वक्त जो चला गया वह कभी ना वापस आया है
ज्ञान वह होती है जिसे मनुष्य पीहो कर रख पाया है
संसार कुछ नहीं बल्कि एक कपोल-कल्पित काया है
बस इतना ही मुझे समझ नहीं आया है