मन में एक खयाल बसा है
मन में एक खयाल बसा है
और उस खयाल से मन मेरा बहुत उदास है
ना जाने क्यों दूर होकर भी तू मेरे पास है
मेरी चाहत है तू फिर भी मैं तुझसे दूर जाना चाहता हूं
जो ख़्वाब सच नहीं हो सकता
उस ख़्वाब से दूर जाना चाहता हूं
जो खयाल बसा है मन में उसे मैं भूल जाना चाहता हूं
मैं कैसे समझाऊं अपने प्यार को
कि मैं तुझे कितना चाहता हूं।