मन में उतर कर मन से उतर गए
मन में उतर कर मन से उतर गए
कुछ लोग जिंदगी का हिस्सा थे
अब खबर नहीं
किधर गए…
वो आए थे बसंत देखकर
पतझड़ जब देखा
तो डर गए…
फिर सूखे तिनको की तरह
हवा में हवा हो गए…
अब फर्क नहीं पड़ता है उड़ कर
किधर गए….
इधर गए उधर गए या मर गए
Ruby kumari