मन मनोरम छन्द
[09/09/2020 ]
मन मनोरम छन्द, प्रथम प्रयास,
मापनी-2122 2122, 2122 2122
लोभ
आज दुनियां में सभी क्यों, लोभ करते जा रहे हैं।
देखता हूँ अंत में क्या, साथ लेके जा रहे हैं ।
छोड़ अब तू मोह माया, पुण्य का कुछ काम करले ।
और कुछ ना कर सके तो,नाम सुमिरन राम करले ।