मन बावरा
मन बावरा है जाए कहां
राहे जुदा है मंजिल खफा
मन बावरा है जाए कहां
रातों को नींद ना आए
दिन क्यों डसता जाए
हाय क्या करूं जो चैन तो आए
हाय क्या करूं जो चैन तो आए
रैना हर पल मुझको रुलाए
मन बावरा है जाए कहां
मन बावरा है जाए कहां
सोचू जब मैं अगले कदम को
रास्ते बंद क्यों हो जाए
कोई तो बताए कोई समझाए
हाय क्या करूं जो चैन तो आए
हाय क्या करें जो चैन तो आए
खिड़की पर बैठी जब देखू बाहर सब धूधला है
राज न कोई साज न कोई
अब तो सब उलझा है
दे दे किरण तू या उम्मीद भी ले ले
समय तो तुझ पर ही टिका है
मन बावरा है मन बावरा है।।