Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

*** मन बावरा है….! ***

“” मन में, कुछ आस है…
मन में न जाने क्यों…?
कुछ और अधिक प्यास है…!
हलचल सी झलक है कुछ…
मेरे मन की चाह में…!
आहट सी है कुछ…
कर्ण पट राह में…!
शोर सा है कुछ…
मन हृदय आंगन में…!
कभी झिलमिलाती तस्वीरें कुछ…
नजर आती है अनजानी राह में…!
उकेरने की चाह में…
प्रतिबिम्ब बनाती मन-दर्पण की दीवार में…!
एक अमिट आकार की अथक प्रयास…
अनेक रंग भरने की अगाध ललक कयास…!
बिन जाने कुछ…
बिन बूझे, कुछ उलझे से…
चल पड़ा अनजाने राह में…!! “”

“” शायद अनजान राही है…
ये मन बावरा…!
न जाने फिर भी क्यों…?
चल पड़ा मतवाला बन…!
क्या कुछ सोच…
पांव में लेकर घाव के मोच…
ना समझ बावरा मन…!
पूछना चाहा..
और जानना भी चाहा…!
चलते हुए अनेक राहगीर से…
और अपनी तनवीर तकदीर से…!
फिर क्या…?
कुछ लोगों ने पागल समझा…
कुछ ने अनाड़ी…!
और कुछ लोगों ने समझ लिया गंवार…!
मजे की बात यह है कि…
मैंने जिन्हें समझ रखा था…
फुटबॉल, हाॅकी, टेनिस और क्रिकेट खिलाड़ी…!
पर… वे सब भी थे…
एक अनजान रथ में सवार…!
लेकिन…
क्या करूँ दोस्तों…!
मन है बावरा कुछ…
लकीर का फकीर कुछ…!
खिलाड़ी बन हर खेल में…
लेकर हाथ में, कुछ अंजीर..
संभावित हार-जीत की, परिणामी मेल में…!
कोशिश यही है कि…
मैं भी बन जाऊँ, शतरंज की एक वज़ीर..!
मैं भी बन जाऊँ, शतरंज की एक वज़ीर…!! “”

***************∆∆∆*************

Language: Hindi
139 Views
Books from VEDANTA PATEL
View all

You may also like these posts

4502.*पूर्णिका*
4502.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
Sushma Singh
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
प्रकृति हमारा आधार
प्रकृति हमारा आधार
Sudhir srivastava
औरत
औरत
Shweta Soni
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
नहीं बची वो साख पुरानी,
नहीं बची वो साख पुरानी,
manjula chauhan
मैं, मेरी मौत!!
मैं, मेरी मौत!!
अनिल कुमार निश्छल
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
Sonam Puneet Dubey
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
प्यार हमें
प्यार हमें
SHAMA PARVEEN
चन्द्रयान अभियान
चन्द्रयान अभियान
surenderpal vaidya
*शिक्षा*
*शिक्षा*
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
सब भूल गए भूल जाने दो
सब भूल गए भूल जाने दो
Ranjeet kumar patre
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर उम्र है
हर उम्र है
Manoj Shrivastava
एक अरसा लगता है
एक अरसा लगता है
हिमांशु Kulshrestha
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
पराधीन
पराधीन
उमा झा
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
20
20
Ashwini sharma
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द
दर्द
Mansi Kadam
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
RAMESH SHARMA
Loading...