Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2023 · 1 min read

मन के ब्यथा जिनगी से

# मन के ब्यथा #

सैदखन अंहा उपराग सुनबै छी…
जिनगी हमरा सं दूर भागै छी..!
पातर रस्सी के झुलुवा मे….
हमरा किय तेज झूलवै छी….?

संसारक सब ब्यथा सुना क…
हमरा राती किया सुतबै छी…?
सब्दीन नबका घाब लगा क…
पुराना सवके बिसैर रहल छी…!!

जिनगी हमारा मे ग्रहण लगा क…
जिबू असगर् कोना कहै छी…?
मया मोह के वंधन से हम….
जिनगी से रिस्ता तोइर रहल छी।…।।।

Language: Maithili
2 Likes · 1071 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
..
..
*प्रणय*
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
वक्त वक्त की बात है,
वक्त वक्त की बात है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
Neelofar Khan
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
" अन्तर "
Dr. Kishan tandon kranti
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
Namita Gupta
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
दीवाली विशेष कविता
दीवाली विशेष कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हिंदी साहित्य की नई : सजल
हिंदी साहित्य की नई : सजल
Sushila joshi
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
2862.*पूर्णिका*
2862.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भड़ोनी गीत
भड़ोनी गीत
Santosh kumar Miri
थोड़ी दूरी,
थोड़ी दूरी,
Sonam Puneet Dubey
अक्स मेरा
अक्स मेरा
Dr Mukesh 'Aseemit'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक औरत की ख्वाहिश,
एक औरत की ख्वाहिश,
Shweta Soni
वगिया है पुरखों की याद🙏
वगिया है पुरखों की याद🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...