मन के घोड़े
घोड़े चलें दिमाग के, दिल की थाम लगाम
अगर दिशायें सहीह मिलें, बन जायें सब काम
बन जायें सब काम, खुली तब आँखें रखना
और खुले रख कान, ध्यान से सुनना गुनना
रहे मारता वक़्त , यहाँ अक्सर ही कोड़े
चलते अपनी चाल, मगर मन के ये घोड़े
31-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता