मन की सीमा न लांघूंगी
मन के जिसको सारे रक्त दिए
उसने ही मुझ को त्यक्त किए
अब किसी को मैं क्या बांधूगी
अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ?
~ सिद्धार्थ
मन के जिसको सारे रक्त दिए
उसने ही मुझ को त्यक्त किए
अब किसी को मैं क्या बांधूगी
अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ?
~ सिद्धार्थ