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10 Jun 2020 · 1 min read

मन की मन में

मन की मन में रखोगे, यदि छल कपट समेट।
अतिथि बनेगा अस्थमा, बढ़ जाएगा पेट।।

बढ़ जाएगा पेट, रोग काया पर लक्षित।
जोड़ दर्द, मधुमेह, कब्ज, तन में आरक्षित।

कह संजय कविराय, सुरक्षा कर लो तन की।
करो ईर्ष्या त्याग, रखो मत मन में मन की।।

संजय नारायण

6 Likes · 4 Comments · 344 Views
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