मन की बात
हिंदी विकास मंच
धनबाद,झारखंड, भारत
कविता – मन की बात– साहब जी
आप करेंगें गरीबों से मन की बात
अमीरों से धन की बात
अगर जनता को मूर्ख बनाना है
तो फिर करो उनसे धर्म की बात
यहाँ नेता की अलग,जनता की अलग है बात
नेता प्रचार के समय सुनते हैं जनता की बात
फिर अगले 5 साल उनके ही वोट लेकर
जनता को मारते हैं लात
किसान से करेंगें आलू की बात
गुजरातियों से करेंगें आलू के चिप्स की बात
नीरव मोदी,विजय माल्या को भगाकर
जाकर विदेश में करेंगें मुलाकात
विकास की बात में विकास नहीं
चले तो गए चाँद पर अब छूने को आकाश नहीं
आप में तो है विश्वास पर नेता पर विश्वास नहीं
यूँ तो है सात समुद्र पर बुझती अब प्यास नहीं
साहब कहते हैं कि ए जनता कुछ कहने से पहले देख लो क्या है तुम्हारी औकात
भारत का जो भी हो पर हम तो करेंगें 4 साल और मन की बात
क्या युवा क्या किसान सब दर-दर भटकेंगें और खायेंगे लात
फिर भी हम करेंगें मन की बात
सेठों को 1 मीन में 59 करोड़ का लोन,
किसानों पर तुम रहो मौन
भाईयों और बहनों तुम बेचो पकौड़ा
नहीं तो आओ करो चापलूसी और बैंक से पैसे लेकर बन जाओ भगौड़ा
पत्रकारों ने झूठ को सच बनाने में दिया है बहुत साथ
जिस दिन युवा जाग गई, दिखाएगी पत्रकारों को औकात
नोटबन्दी और GST से अब सब भांडा फुट रहा है
अब तो देश अंदर से टूट रहा है
अब तो मत करो राजनीति
अब तो होश में आकर बदलो खरीद बिक्री की राजनीति
बंद करो अब अपनी पार्टियों को खरीदने का फंदा
सब बैंक मलिन है कस गया आर्थिक फंदा
बहुत हुआ ढोंग
बस करो अब बाबाओं का धंधा
कभी तो सुन लिया करो जनता की बात
कब तक करते रहेंगें मन की बात
मान लो ये बात
अब बस में नहीं तुम्हारे देश के हालात
न दिया 15 लाख,न 20 हजार करोड़
हम भूलेंगे नहीं तुम्हारी जुमले वाली बात
जिस दिन युवा जाग गया545 का करेंगें हिसाब
बनेगा नया इतिहास होगी नई किताब
आप करेंगें गरीबों से मन की बात
अमीरों से धन की बात
राज वीर शर्मा
संस्थापक सह अध्यक्ष-हिंदी विकास मंच