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15 Jan 2024 · 1 min read

मन की बात

मन की सुनू बात की तन की सुनू
बहुत सोचता हूं कि किसकी सुनू
मन मे बस प्यार उसके लिए
और तन मे छिपा प्यार किसके लिए
बहुत सोचता हूं कि किसकी सुनू
कभी मन ना डोला किसी के लिए
मगर जब देखा उसकी नज़र
फ़िर नज़र ना हुई किसी के लिए
प्यार करता था उससेे मै सबके लिए
ना कभी कोई गम था ना कोई भी दुख था
मगर एक तूफा सा आया उड़ा ले गई
फ़िर जीयुं तो जीयुं मै किसके लिए
उसकी आवाज को तरसा मै अपने लिये
उसको देखने को तरस मै गया अपने दिल के लिए
कहे तो कहे हम किससे कहे
दिल मे दर्द है कितना कैसे कहे
दिल मे आज भी वो बसी है
ये उससे कैसे कहे वो मतलबी सी निकली
अपने अपनो के लिए
अब ये कैसे कहे कितना प्यार है मेरे अंदर उसके लिए

Language: Hindi
91 Views

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