“मन की बात ” सुनिए तो जरा………
करने वाले करते हैं केवल “मन की बात”
तो भला कौन करेगा “काम की बात”से रोज मुलाकात
जो बीबी छोड़कर आया है वही कर सकता है “मन की बात”
बीबी सामने खड़ी हो तो बात करने की नहीं है किसी की औकात
“मन की बात”को “काम की बात”समझना अजी भयंकर भूल है
जनता की आंखों में जो झोंका जा रहा है वो साहब धूल है
“मन की बात”से समस्या को सुलझाया जाना है बहुत ही आसान
जनता तो बड़ी ही बेवकूफ है जो दे रही है मोदीजी को मुफ्त का ज्ञान
भाईयों और बहनों कह कहकर कर दिया है दुनिया को परेशान
भाई भी त्रस्त है बहन भी त्रस्त है और त्रस्त है मोदीजी से सारा हिंदुस्तान
बचाखुचा असर मोदीजी तो मित्रों से ही निकालते हैं
जनता तो पलती नहीं इनसे बस आडानी को ही पालते हैं
सामान्य नहीं है मोदीजी का छप्पन इंच का सीना होना
मुझे बहुत अखरता है देश की जनता का इतना भी कमीना होना
अच्छा “अच्छे दिन”में ही हो सकती है “मन की बात”
“बुरे दिन”को तो भगा दिया है मोदीजी ने मार के लात
मोदीजी आपने “अच्छे दिन”लाये है अब “अच्छी रात”लाइये
रेल बेचा,तेल बेचा ये कुछ भी नहीं दम है तो पूरा भारत बेच के दिखाइए
ईडी, सीबीआई, बैंक, न्यायालय जिनके एक इशारे पर नाचते हैं
ऐसे महान मोदीजी को सादर प्रणाम जो निष्पक्ष और आत्मनिर्भर भारत छापते हैं
मीडिया भी अब मीडिया नहीं बल्कि “गोदी मीडिया”कहलाता है
मोदीजी ने पूछा हमारे “विकास के माडल”पर कौन सवाल उठाता है
मैं देख रहा हूं “अनुराग ओझा” मोदीजी की छवि धूमिल कर रहा है
मोदीजी बोले उसकी इतनी मजाल कि सीधे मुझसे सवाल कर रहा है
आप “रामराज” में सवाल से घबराते हो या खुद सवालों के घेरे में आ जाते हो
विपक्ष ही नहीं चाहिए इसीलिए तो राहुल गांधी को सदन से हटाते हो
आदरणीय मोदीजी अत्यंत महान है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए
भारत में राजनीति करनी है तो जनता के सीने में धर्म का बीज बोना चाहिए
काश मेरे देश से “मन की बात”हो जाए पूरी तरह समाप्त
यदि विकास करना है तो करना पड़ेगा “काम की बात”को हर जगह व्याप्त
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन की अलख
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर,छ.ग.
यही है मेरे “दिल की बात”
वरना फ़ालतू हो जायेगी आपसे ये मुलाकात