मन की बात(बेरोज़गारों के)
नौकरी मिलेगी तभी शादी का करार है
इक तरफ प्यार है, दूजे रोज़गार है
यूँ तो वैलेंटाइन का त्योहार है
पर एक अदद नौकरी की दरकार है
ये डिजिटल इंडिया का चमत्कार है
चयन प्रक्रिया की लेटलतीफी बरकरार है
रिक्तियाँ ईसा पूर्व की,भर्तियाँ अब तक जारी
अब कहते है कि आपकी उम्र सीमा पार है
यूँ तो वैलेंटाइन…
डिग्रियाँ सारी की सारी बेकार है
पता करो क्या कोई खरीददार है
अच्छा आप भी बेरोज़गार है
गले मिलिए हम भी बेरोज़गार है
यूँ तो वैलेंटाइन…
फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सरकार है
हम युवाओं का भुगतना बारम्बार है
आज पकौड़ा है,कल पिज़्ज़ा होगा साहब
जुमलों के भी अलग अलग प्रकार है
यूँ तो वैलेंटाइन…
जॉब सीकरों की लंबी कतार है
सरकार को लेकिन क्रिएटरों से प्यार है
बज़ट में इन्हें भी झुनझुना पकड़ा दिया
प्रभु आपकी लीला अपरम्पार है
यूँ तो वैलेंटाइन…
सच छापने को अखबार है
न्यूज़ चैनलों की भरमार है
हमे भी बनाओ हिस्सा ब्रेकिंग न्यूज़ का
हम भी ज़ौहर को तैयार है
यूँ तो वैलेंटाइन…
हिन्दू मुस्लिम मुद्दों के सब जानकार है
बाकी मुद्दों से हमारा क्या सारोकार है
जब हम ही नहीं गम्भीर हमारे मुद्दों पर
हमारी समस्याएँ पिछले पन्नों की ही हकदार है
यूँ तो वैलेंटाइन…