मन की केतली
मन की केतली मे मां की प्यारभरी मिठास है
पिता के स्नेह का प्यारा गरम सा आभास है।
थोड़ी कड़वी पर आदर्श सी स्वाद में भली है।
सौंधी खुशबू में परवाह की सुन्दर लाली घुली है।
अदरक सा तीखा पर सेहत के लिए अच्छा है।
परिवार का प्यार झूठा नहीं बिल्कुल सच्चा है।
इलायची की महक भाई-बहन का मोहक झगड़ा।
लौंग की तरह इनके साथ का असर बड़ा तगड़ा।
बंद आंखो से उड़ान के स्वाद भरी चुस्की का सुकून।
सबका साथ प्याली में लेकर जगं जीतने का जुनून।
-शशि “मंजुलाहृदय”