मन की उड़ान मत रोको
मन की उड़ान मत रोको यह सकूं देती है
सिक्कों की खनकार लहू पी लेती है।
फुर्सत के लम्हे जी लो जी कर के जानो
भाग दौड़ की दुनियां सदमे देती है।
हंस हंस कर न फँसना दुनियां वालों से
दुनिया हर लम्हे का बदला लेती है।
तन्हा दिल है ,तन्हा दिल की बात सुनो
वरना बदले में दुनिया क्या देती है।
विपिन