Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 1 min read

मन का “महल”

मन का “महल”
***********

मन में अपनी
महल एक ऐसी
तैयार करें….
जो इतनी ऊंची हों ,
ऊंची-ऊंची उड़ानें भरकर
ही उस ऊंचाइयों तक
पहुॅंचा जा सके !!

फिर खूबसूरत सी
अनन्त भावनाएं
सुंदर मन में अपने
जागृत करते रहें….
उस भावनाओं के
समुंदर में डुबकियाॅं
अंदर तक लगाते रहें !!

कुछ ऐसी भावनाएं
जरूर हासिल होंगी !
और यही भावनाएं
पहुॅंचाएंगी आप सबको
उस मन की मंज़िल तक !
उस ऊंचाइयों में स्थित
खूबसूरत महल तक !!

तब जाकर सपने आपके
साकार हो सकेंगे !
इस कठिनाई भरे ज़िंदगी के
सार आपको मिल पाएंगे !
जीवन जीने का मतलब
आप बखूबी समझ पाएंगे !!

जब तक आप सही मायने में
इस जीवन के हर पायदान
पर घटित होनेवाली
घटनाओं के गूढ़ को
नहीं जान पाएंगे….
ये दुनिया किधर जा रहीं…
किस तरह कोई गतिविधियाॅं
संचालित हो रहीं….
इन सब चीज़ों का राज़
आप समझ नहीं पाएंगे !
बस, यूॅं ही मूकदर्शक बन
सिर्फ हर घटनाचक्र के
साक्षी बनकर रह जाएंगे !
उसमें अपनी मुख्य
भागीदारी नहीं निभा पाएंगे !!

या यूॅं कहें कि….
ये अनमोल सी ज़िंदगी
यूॅं ही गुजरती चली जाएंगी !
और हम सब ज़िंदगी का
कोई भी आनंद नहीं उठा पाएंगे !
हर खुशियों से हर पल ही
वंचित होकर ही रह जाएंगे !!

तो निर्भीक होकर बनाएं
अपने अंतर्मन में….
सपनों का इक ऊंचा सा महल !
और उस ऊंची मंज़िल तक
जल्द पहुॅंचने हेतु
हर सार्थक प्रयास करें !!

मंज़िल प्राप्त होंगी !
सपने साकार होंगे !
आनंद की अनुभूति होगी !
यह जीवन सार्थक होगा !!
यह जीवन सार्थक होगा !!

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : २०/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
10 Likes · 2 Comments · 923 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
3381⚘ *पूर्णिका* ⚘
3381⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
छलते हैं क्यों आजकल,
छलते हैं क्यों आजकल,
sushil sarna
दरकती ज़मीं
दरकती ज़मीं
Namita Gupta
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#लघु कविता
#लघु कविता
*प्रणय*
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
कर्मफल का सिद्धांत
कर्मफल का सिद्धांत
मनोज कर्ण
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आतिशी ने लाल कुर्सी पर,रख लीं केजरीवाल की खड़ाऊं
आतिशी ने लाल कुर्सी पर,रख लीं केजरीवाल की खड़ाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*Perils of Poverty and a Girl child*
*Perils of Poverty and a Girl child*
Poonam Matia
महबूबा और फौजी।
महबूबा और फौजी।
Rj Anand Prajapati
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
Ravi Prakash
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
gurudeenverma198
समझ
समझ
मधुसूदन गौतम
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
Mangilal 713
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
Shweta Soni
अंदाज़ ऐ बयाँ
अंदाज़ ऐ बयाँ
Dr. Rajeev Jain
बिटिया विदा हो गई
बिटिया विदा हो गई
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
रास्ते और राह ही तो होते है
रास्ते और राह ही तो होते है
Neeraj Agarwal
Loading...