मन का घाट
मन अक्सर बन जाता है
मणिकर्णिका घाट!
जहाॅं गिर पड़ता है मेरे
प्रेम का कर्ण फूल..
पर उसे ढूॅंढने ..
वहाॅं तक..
कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं..
मेरे शंकर!
रश्मि लहर
मन अक्सर बन जाता है
मणिकर्णिका घाट!
जहाॅं गिर पड़ता है मेरे
प्रेम का कर्ण फूल..
पर उसे ढूॅंढने ..
वहाॅं तक..
कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं..
मेरे शंकर!
रश्मि लहर