Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2021 · 2 min read

“मनोहर लाल मेहता”

“संस्मरण”
—————-
“मनोहर लाल मेहता”
———————-
यह संस्मरण हमारे एक अंतरंग मित्र की मृत्यु के पश्चात लिखा गया।वह आयु में में मुझसे लगभग सात वर्ष छोटे थे;मृत्यु के समय लगभग पचपन वर्ष।साधारण से साधारण परिवार से संबंध रखते थे।उनके दादा के समय से परिवार को संघर्षमयी जीवन व्यतीत करते हुये देख रहा हूँ।उनका जीवन भी अपने माता पिता की भाँति संघर्षमयी ही रहा।पढ़ाई लिखाई नहीं हो पाई।यद्यपि उन्होंने परिश्रम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।हर क़िस्म के काम अजमाया।दिल्ली में थोक की दुकान में काम करना हो चाहे बाल बीयरिंग ठीक करना। तीसरी दुकान चलानी हो अथवा सब्ज़ी का ठेला लगाना।संघर्ष यथावत बना रहा!
उनके पिता कपड़े इस्त्री करते थे।उनका ठहराव भी कपड़े इस्त्री करने के काम पर हुआ।

परंतु मन और आत्मा से एकदम साफ़।कभी दुराव नहीं रखा कभी कुछ छिपाया नहीं।हमारे घर में ने एक सदस्य की तरह से थे।कभी वे हमारे यहां खाना खा रहे हैं;कभी हम उनके यहां।हमारी माँ ने अथवा उनकी मां ने भेदभाव नहीं रखा।एक ही चौके में एक ही थाली में खाना खाते रहे।जब भी हमें परिवार सहित सुख दुख में बाहर जाना होता था तो घर की चाबियाँ मनोहरी जी के हवाले करने में क्षण भर भी देर नहीं लगाई।

सृजन और विनाश सृष्टि का नियम है।प्रकृति में निरंतर परिवर्तन होता रहता है।यहाँ कोई स्थाई नहीं है।इसमें किसी भी प्राकृतिक वस्तु का जन्म और अवसान निश्चित है।इसी क्रम में हमारे अत्यंत प्रिय मित्र के बारे में
कल सांय अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ कि हमारे प्रिय अनुज मनोहर लाल मेहता उर्फ़ मनोहरी का देहावसान हो गया।वो कोई सुकरात,सिकंदर या महात्मा गांधी नहीं थे कि उसका समाचार खबरिया चैनल में उनके देहावसान का समाचार आता।वो हमारे पारिवारिक सदस्य ही थे।घर के सामने कपड़ों पर इस्त्री करने का कार्य करते थे।हमारा सबका बचपन साँझी विरासत लिये रहा।स्कूल से आने के बाद जैसे क्रिकेट का बैट और गेंद ही एकमात्र दुनिया थी जिसमें हम सब एक साथ डूबे रहते थे।उनकी विकेट-कीपिंग और ओपनिंग बल्लेबाज़ी हमारे मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़े हैं।आज भी मनोहरी शब्द के साथ आनंद शर्मा नामक तेज गेंदबाज़ को एस डी स्कूल के मैदान अथवा डी ए वी हाई स्कूल के मैदानों में गुरुग्राम के नामी गेंदबाज़ों पर लगाये गये दनदनाते शाटस दिमाग में अमिट छाप छोड़े हुये हैं।हमारे लिये तो वे ही साक्षात तेंदुलकर और सहवाग थे।जब भी गुरुग्राम जाना होता है तो घर के सामने इस्त्री करते मनोहरी के दर्शन और शाम के समय सारे बचपन के मित्र ताश खेलते;बीड़ी पीते ,आँखों के सामने तैर जाते हैं।मिलन स्थल था मनोहरी की इस्त्री की मेज़।अपने घर अथवा उनके घर पर सुख-दु:ख के समय एक परिवार के सदस्य की तरह साथ खड़े रहे।आज उनके जाने के बाद ये सब यादें ही रह गई हैं।मनोहर लाल मेहता यादों से कभी निकल नहीं पायेंगे मरते दम तक।परमपिता परमात्मा उनको अपने चरणों में स्थान दे।

राजेश’ललित’

Language: Hindi
Tag: लेख
8 Likes · 2 Comments · 358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बन्दिगी
बन्दिगी
Monika Verma
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
-- प्यार --
-- प्यार --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बदनाम
बदनाम
Neeraj Agarwal
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
Shubham Pandey (S P)
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
आर.एस. 'प्रीतम'
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
अपना ख्याल रखियें
अपना ख्याल रखियें
Dr Shweta sood
फिरौती
फिरौती
Shyam Sundar Subramanian
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
सावन के पर्व-त्योहार
सावन के पर्व-त्योहार
लक्ष्मी सिंह
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
💐प्रेम कौतुक-384💐
💐प्रेम कौतुक-384💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
Shweta Soni
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
surenderpal vaidya
*हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान है*
*हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
ये आज़ादी होती है क्या
ये आज़ादी होती है क्या
Paras Nath Jha
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Anxiety fucking sucks.
Anxiety fucking sucks.
पूर्वार्थ
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
Loading...