कविता : मनोकामना
मनोकामना पूरी करना,
दुवा करूँ मैं दिन-रात।
प्रभु अविनाशी मंगलदायक,
सुनना मेरे जज्बात।।
सत्य यत्न का फल देना तुम,
देना मीठे अहसास।
रहे हमेशा तुमपर सबका,
अटल अडिग हो विश्वास।
जैसी करनी वैसी भरनी,
सही यही है सौग़ात।
भूखा रहे न कोई जग में,
बुझे सभी जन की प्यास।
हँसते-हँसते जीवन बीते,
कोई भी हो न उदास।
कृपा करो तुम ध्यान धरो तुम,
हँसे सभी ज्यों जलजात।
#आर.एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना