मनुहार
जीवन नीरस लगता है
मन को कुछ खलता है
मनुहार न हो अपनों से
जीवन नीरस दिखता है ।
प्रेम निवेदन की चाह में
दिल की गहन थाह में
न हो बसेरा मनुहार का
जीवन सहरा बनता है ।
तूने किया दिल तार तार
वही तो बनी मेरी हार
बोल दो प्यार के बोले
वही बने जीवन का सार ।
जीवन न बने विडम्बना
मनुहार को सदा लिखना
हर मोड़ पर हमजोली बन
जीवन पथ पर आगे बढ़ना ।