” ————————— मनुहार यहां है ” !!
आंखों में तकरार यहां है !
आंखों में मनुहार यहां है !!
दुनिया से टकरा जायें हम ,
आंखों में बस प्यार यहां हैं !!
रंग भरा करते हैं सपने ,
आंखों में बहार यहां है !!
खुशियां गलबहियां लेती हैं !
आंखों में सत्कार यहां है !!
मुस्कानें सब पीर भुला दें !
ऐसी तो झनकार यहां है !!
लगे बंधे हैं पल पल तुमसे ,
अनगिन हुए शिकार यहां है !!
अगर कहीं अपमान हुआ तो ,
बदले में प्रतिकार यहां है !!
बिन पिये मदहोश हुए हैं !
सच ऐसी मधुधार यहां है !!
सम्मोहन , जादू जागा है !
बाजीगर व्यवहार यहां है !!
जहां जीत में हार छिपी है ,
इन आँखों में हार यहां है !!
मेघ प्रीत के बरस गये तो !
हम पर भी उपकार यहां है !!
बृज व्यास