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18 Apr 2024 · 1 min read

मनुस्मृति का, राज रहा,

मनुस्मृति का, राज रहा,
कहते तुम्हारी, जुबां ना थकती।

अब भीम का बना संविधान है,
तो,क्यों ना यह, दरिंदगी रुकती।

✍️~ SPK Sachin Lodhi

1 Like · 104 Views
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