मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
कहते तुम्हारी, जुबां ना थकती।
अब भीम का बना संविधान है,
तो,क्यों ना यह, दरिंदगी रुकती।
✍️~ SPK Sachin Lodhi
मनुस्मृति का, राज रहा,
कहते तुम्हारी, जुबां ना थकती।
अब भीम का बना संविधान है,
तो,क्यों ना यह, दरिंदगी रुकती।
✍️~ SPK Sachin Lodhi