फितरती
यदि भुजंग विष न पाता ,
यदि उसे डसना न आता ,
लोग कंठ में पहन घूमते ,
बेचारा माला हो जाता ।
उसका नहीं मनुज से नाता ,
विष फिर मनुज कहां से पाता ,
विष वमन करते देख मनुज को ,
भुजंग भी कितना सकुचाता ।
यदि भुजंग विष न पाता ,
यदि उसे डसना न आता ,
लोग कंठ में पहन घूमते ,
बेचारा माला हो जाता ।
उसका नहीं मनुज से नाता ,
विष फिर मनुज कहां से पाता ,
विष वमन करते देख मनुज को ,
भुजंग भी कितना सकुचाता ।