मनुष्य होकर मनुष्यता का
अपनी क्षमता पर स्वयं का
पूर्ण विश्वास हो ।
मन में स्वस्थ मानसिकता का
भी आवास हो ।।
ईश्वर का दृष्टि में इससे अधिक
नहीं कुछ विशिष्ट ।
मनुष्य होकर मनुष्यता का
बस एहसास हो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
अपनी क्षमता पर स्वयं का
पूर्ण विश्वास हो ।
मन में स्वस्थ मानसिकता का
भी आवास हो ।।
ईश्वर का दृष्टि में इससे अधिक
नहीं कुछ विशिष्ट ।
मनुष्य होकर मनुष्यता का
बस एहसास हो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद