मनुष्य जन्म का रहस्य
बहुत दुख होता है ,बड़ी पीड़ा होती है ,
जब भी होता है कोई दर्दनाक हादसा ।
पूछता है मन अपने आप से आखिर ,
क्यों हो जाता है और कैसे यह सहसा ।
क्या गुजरती होगी उन अभागे मनुष्यों पर ,
अपनी नजरों के सामने जीवन खोते हुए ।
एक डर और दहशत होती होगी आंखों में,
दर्दनाक चीख निकली होगी जलते हुए ।
कभी ध्यान में जो नहीं होता होगा ऐसा अंजाम ,
बड़े छटपटाते हुए निकलेंगे अपने इस तरह प्राण।
हम तो समझते है इसे ईश्वर का घोर अन्याय ,
मगर यह उन अभागे मनुष्य का प्रारब्ध होता है।
किस मनुष्य की कैसे मृत्यु होगी हम क्या जाने! ,
यह तो विधि के विधान अनुसार तय होता है।
वास्तव में मृत्यु के विभिन्न प्रकार मनुष्य जीवन के ,
संचित कर्मों के गणित पर ही निर्भर करता है।
यह मनुष्य जन्म के परिपेक्ष में गूढ़ रहस्य है ,
जिसका सम्पूर्ण संचालन विधि पर निर्भर होता है।