Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2021 · 2 min read

मनुष्य का चरित्र: है कितना विचित्र!

मनुष्य का चरित्र,
है कितना विचित्र,
अपना ही देखते हैं फायदा,
दूसरे के लिए अलग नियम कायदा,
दूसरों से करते हैं ऐसी अपेक्षा,
दूसरे की कर लेते हैं उपेक्षा,
हमें तो वह है करना , जो स्वयं को लगे अच्छा,
और दूसरों से करते हैं अलग ही अपेक्षा!

हम क्यों है ऐसे,
अपनी जरुरत को देते हैं तरजीह,
और दूसरों को समझते हैं निरीह,
हम अपनी जरुरत के हिसाब से,
पशु पक्षियों को भी बना लेते हैं मित्र,
करने लगते हैं उनसे स्नेह का व्यवहार,
पशु पक्षी भी करने लग जाते हैं हमसे प्यार,
किन्तु अपनी जरुरत के मुताबिक बदल देते हैं प्राथमिकता,
घटा देते हैं हम उनसे निकटता!

हमारी कला का कोई शानी नहीं,
हमें होती है जब परेशानी कोई,
हम अपने मतलब के लिए शाष्टांग हो जाते हैं,
मंदिर मस्जिद गिरीजा घर, गुरुद्वारे में देखे जा सकते हैं,
मतलब निकल जाने पर वहां झांकने भी नहीं जाते हैं,
किस तरह से इनके आचरण की व्याख्या करुंं ,
किस किस बात को उजागर करुं,
आज कल में देख लीजिए,
दूसरे को खूब उपदेश दीजिए,
अपने आप जिसे अपनाते नहीं,
हमारे लिए उसे जरुरी बताते वही,
देखना है तो मास्क के लिए देख लीजिए,
या फिर हैल्मेट को लेकर देख लीजिए,
और चाहे तो सीट बेल्ट को देख लीजिए,
या फिर चलने चलाने की स्पीड देख लीजिए!

हम दूसरों से बेहतर की अपेक्षा करते हुए दिखते हैं,
अपने व्यवहार पर कभी ध्यान नहीं धरते हैं,
एक दूसरे पर नुक्ताचीनी करने लगते हैं,
दूसरे की गलतियों पर गरियाने लगते हैं,
अपने को हम सुपर स्टार बन कर दिखाते हैं,
और दूसरों पर तोहमत पर तोहमत लगाते दिखते हैं!

इसको हम कहां कहां नहीं देखा करते हैं,
व्यवस्थाएं, संस्थाएं, और न्यायालयों में देख सकते हैं,
एक दूसरे के गिरेबान को निचोड रहे हैं,
नेताओं से तो ऐसी उम्मीद बची ही नहीं है,
अगर कोई करता भी दिखाई दे तो उसे चुका हुआ कहते हैं,
अपने आप स्वयं तो रोज कायदे कानून की तिलांजली दे रहे हैं,
हम हैं ही ऐसे, ऐसे ही रहेंगे,
चाहे कोई कुछ भी कहे,हम तो वही करेंगे,
हम हैं ही विचित्र, विचित्र ही रहेंगे,
हमारा चरित्र ऐसा ही है,हम उसे ऐसा ही रखेंगे!
ना हम सुधरे हैं,ना हम कभी सुधरेंगे!!

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 507 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
"अल्पमत"
Dr. Kishan tandon kranti
नमन वंदन सदा करता।
नमन वंदन सदा करता।
अरविंद भारद्वाज
"मानुष असुर बन आ गया"
Saransh Singh 'Priyam'
वक़्त ने जिनकी
वक़्त ने जिनकी
Dr fauzia Naseem shad
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
जब साँसों का देह से,
जब साँसों का देह से,
sushil sarna
कहां से कहां आ गए हम....
कहां से कहां आ गए हम....
Srishty Bansal
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
Ajit Kumar "Karn"
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
Ashok deep
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
Karuna Goswami
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
4314.💐 *पूर्णिका* 💐
4314.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
Rj Anand Prajapati
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
Sachin Mishra
👌
👌
*प्रणय*
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"नग्नता, सुंदरता नहीं कुरूपता है ll
Rituraj shivem verma
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
सत्य कुमार प्रेमी
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
“WHOM SHOULD WE MAKE OUR FACEBOOK FRIEND?”
“WHOM SHOULD WE MAKE OUR FACEBOOK FRIEND?”
DrLakshman Jha Parimal
शीशे की उमर ना पूछ,
शीशे की उमर ना पूछ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...