Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2021 · 1 min read

मनुष्य और जानवर पेज ०५

मनुष्य अपने जीवन में कितना भी महान क्यों न बन जाये । जानवर के समान महान नही हो सकता है।आज भी अनेक मनुष्य और की विकास की गाथा जानवरो के द्वारा लिखी गई है। कोई उसके मांस को बेच कर अपना उदर पोषण कर रहा है। तो कोई उसकी खाल तो कोई उसकी हड्डियों को बेच कर अपना उदर पोषण कर रहा है। लेकिन जानवर यह सबकुछ सहन कर रहा है। अगर मनुष्य नाग की पूजा देवता मानकर उसे पूजता है। तब इसे मनुष्य का कोई मतलब जरूर था।पर। इसका रहस्य कोई नही जानता है। नाग देवता भारत में ही नहीं विदेशों में भी पूजे जाते हैं। मनुष्य के लिए जितने भी जानवर है । सभी पूजनीय है। लेकिन मनुष्य अपने अभिमान बस किसी को नहीं पूजना चाहता है।जब श्री लक्ष्मी जी ने भी जानवर का साथ लिया है। तभी वह मनुष्य तक पहुंच पाईं है। अगर किसी महान योद्धा या साधु संत या बुद्धि जीवी या पुरुषों में पुरुषोंतम की बात करते हैं।तो सभी एक चींटी से भी छोटे नजर आते हैं।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
जगदीश लववंशी
नित  हर्ष  रहे   उत्कर्ष  रहे,   कर  कंचनमय  थाल  रहे ।
नित हर्ष रहे उत्कर्ष रहे, कर कंचनमय थाल रहे ।
Ashok deep
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
Anil chobisa
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
हरवंश हृदय
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
Subhash Singhai
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
Ravi Prakash
बुंदेली दोहा- जंट (मजबूत)
बुंदेली दोहा- जंट (मजबूत)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम क्या चाहते हो
तुम क्या चाहते हो
gurudeenverma198
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
इससे ज़्यादा
इससे ज़्यादा
Dr fauzia Naseem shad
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
अनुभव
अनुभव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
sushil sarna
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
शेखर सिंह
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
कोरा रंग
कोरा रंग
Manisha Manjari
मुझको मेरी लत लगी है!!!
मुझको मेरी लत लगी है!!!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उम्र का लिहाज
उम्र का लिहाज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
International Hindi Day
International Hindi Day
Tushar Jagawat
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"दर्द दर्द ना रहा"
Dr. Kishan tandon kranti
😊😊😊
😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
Loading...