Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2021 · 1 min read

मनुष्य और जानवर पेज ०४

सरकार पशुओं पक्षियों के लिए विशेष कानून बनाये। तभी हमारा देश अहिंसा से मुक्त हो सकता है।आज ज्यादा तर मनुष्य मांसाहार गृहण करने लगा है।और जानवर को मार कर अपना व्यापार कर रहे हैं। दुष्ट और सज्जन एक जैसे ही जी रहे हैं। इसका मतलब क्या हो सकता है। संतो के पास शक्ति क्या है जो दुष्टों को नही समझा पा रहें हैं। जानवरो की की रक्षा के लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत है। घर घर जाकर मांस खाने वालों का सर्वे किया जाना चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि मांस खाने से बहुत हानि होती है। हमारे शरीर के लिए हानिकारक है।जब उन्हें इस बात की पुष्टि हो जायेगी तब ये लोग मांस खाना बंद कर देंगे । हमें अपने जीवन की शक्ति जगाने की जरूरत है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
विकृतियों की गंध
विकृतियों की गंध
Kaushal Kishor Bhatt
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
Ravi Prakash
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
"The Power of Orange"
Manisha Manjari
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय प्रभात*
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
वंशवादी जहर फैला है हवा में
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
Lokesh Sharma
वक़्त का समय
वक़्त का समय
भरत कुमार सोलंकी
*जब से मुझे पता चला है कि*
*जब से मुझे पता चला है कि*
Manoj Kushwaha PS
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं तुझे खुदा कर दूं।
मैं तुझे खुदा कर दूं।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
हुनर है मुझमें
हुनर है मुझमें
Satish Srijan
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
Mahendra Narayan
चन्द्रयान पहुँचा वहाँ,
चन्द्रयान पहुँचा वहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
परम्परा को मत छोडो
परम्परा को मत छोडो
Dinesh Kumar Gangwar
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
"स्वप्न".........
Kailash singh
दशावतार
दशावतार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लिखते दिल के दर्द को
लिखते दिल के दर्द को
पूर्वार्थ
पुस्तक अनमोल वस्तु है
पुस्तक अनमोल वस्तु है
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...