मनुख
डेगे डेग ओहि पाथरमे
भेल ओझल ओ सप्पन
मुदा सप्पत तोहे माधव
जुनि दिहै आब नै बाज
कियैक ओ जिबैत ऐतए
काठ आ खाटक लोक
जत देखिऐ ओत कानैऐ
देहर देहर ओ गामे गाम
महज कतौ दू टका लेल
सगर आंगनम खूने खून
व्याप्त छी ओह घिरना
कंठक नीरस सभ नोर
किछ बाँचल अखनो
मंदिर आ मस्जिद धर
जिएब जिनगीक अधार
ताह लेल जिबैत हियौ
देहर देहर ओ गामे गाम