Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2020 · 1 min read

*”मनहर “*

“मनहर”
पनघट पर चल ,
गागर पकड़ चल ,
पथ पर बढ़ चल ,
झटपट घर चल।
♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️
सतत नमन कर ,
जप तप मनहर ,
हॄदय वरण कर ,
चरण कमल धर।
♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️
सहमत हसरत ,
चमकत दमकत ,
नटखट हरषत ,
नभ जल बरसत।
♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️
मन सत पथ पर ,
नयन चपल कर ,
सजल नयन भर ,
जनम सफल कर।
♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️
शशिकला व्यास✍️

3 Likes · 576 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
Shweta Soni
*बरगद (बाल कविता)*
*बरगद (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
Dhirendra Singh
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
𝐓𝐨𝐱𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲
𝐓𝐨𝐱𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲
पूर्वार्थ
मन  के  दरवाजे पर  दस्तक  देकर  चला  गया।
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*गर्मी पर दोहा*
*गर्मी पर दोहा*
Dushyant Kumar
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
4550.*पूर्णिका*
4550.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कार्तिक पूर्णिमा  की शाम भगवान शिव की पावन नगरी काशी  की दिव
कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान शिव की पावन नगरी काशी की दिव
Shashi kala vyas
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
©️ दामिनी नारायण सिंह
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
पंकज परिंदा
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
shabina. Naaz
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
घनघोर अंधेरी रातों में
घनघोर अंधेरी रातों में
करन ''केसरा''
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
■ मिथक के विरुद्ध मेरी सोच :-
■ मिथक के विरुद्ध मेरी सोच :-
*प्रणय*
आखिरी मोहब्बत
आखिरी मोहब्बत
Shivkumar barman
Loading...