मनहरण
मनहरण.
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8887+4.
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देख सको तो देख लो
प्रेम इन से सीख लो
दिलो में अपने सदा
प्यार रखना जिन्दा.
मन की आँख खोल लो
दिल में जो है बोल दो
प्यार से लग जा गले
कहता है परिन्दा.
गुण सभी के देखना.
दिल में खुद झाँकना
गुणी तो तुम भी नही
न करो परनिन्दा.
भेद भाव मिटा नही
नही प्रेम मिला कही
इंसानियत फिर यू
होती है शर्मिन्दा
?????25/2/2017
संगीता शर्मा????