मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
दीप पर्व का त्योहार ,लाता खुशियाँ अपार,
स्वच्छता से करो प्यार, निरोगिता चाहिए ।
सफाई का अभियान ,दिवाली की पहचान ,
लक्ष्मी जी का गुणगान ,दीप भी जलाइए ।
दीप फैलाते प्रकाश ,अंधकार होता नाश ,
ज्ञान दीप से विकास, स्वाध्याय अपनाइए ।
ऋषि प्रणीत संस्कार ,सिखाते हमें त्योहार ,
प्रेम भाव व्यवहार ,संस्कृति पर्व जानिए ।
राजेश कौरव सुमित्र