मनसीरत
मनसीरत कौर नूर बिटिया को
उसके तीसरे जन्मदिवस की
कोटिकोटि मुबारकबाद
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खुशियों की शहनाई है
घर में वो खुशियाँ लाई है
गगन से परी जो आई हैं
फूलों सी खूश्बू आई हैं
अप्सराओं सी परछाई है
भंवरे लेते अंगड़ाई है
खुदा ने बख्शा नजराना
हमारा बनी है अफसाना
फलक का वो ध्रुव तारा है
जमीन पर जैसे उतारा हैं
मोतियों की सुंदर माला है
रंग ढंग सबसे निराला है
जब से वह घर में आई हैं
घरआंगन खुशियाँ छाई हैं
पुष्पों की खिली क्यारी है
घर में गूंजी किलकारी है
मैं उस पे सदा वारि जाऊँ
बारम्बार बलिहारी जाऊँ
आज तीन वर्षीय हो गई है
दिल अन्दर वो खो गई है
भू पर चाँद का मुखड़ा है
दिल जिगर का टुकड़ा है
शुद्ध बुद्धि वृद्धि सिद्धि हो
सदैव स्वस्थ उम्र वृद्धि हो
आई जन्मदिन की बेला है
जैसै घर भर गया मेला हो
झोली भर जाएं खुशियाँ
झूमे नन्ही मुन्नी सी गुड़िया
यह दिवस बार बार आए
खुशियों की बौछार लाए
मनसीरत मन की सीरत है
जैसे भगवान की मूरत है
जन्मदिन खूब मुबारक हो
बल बुद्धि सदैव ज़ीरक रहो
सुखविंद्र करता है शुक्रिया
मनसीरत मेरी है बिटिया
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)