मनमीत मेरे
मनमीत मेरे
गाए गीत तेरे।
तरसे मेरे नयन
देखें जब उपवन
मनमीत मेरे
गाए गीत तेरे
दुनिया जिसकी दिवानी है।
वो तेरी – मेरी कहानी हैं॥
मेरे रूप – यौवन
देखे तेरे नयन
हो जुबां पर तेरे कसम
मनमीत मेरे
गाएं गीत तेरे
हौसलों से भरें
बरसों से देखें
जीवन।
मनमीत मेरे
गाए गीत तेरे_डॉ . सीमा कुमारी, बिहार,
भागलपुर,दिनांक-16-4-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।