*मनभावन शंकर नजर सब जगह आते (गीत)*
मनभावन शंकर नजर सब जगह आते (गीत)
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सावन में मनभावन शंकर नजर सब जगह आते
(1)
नाद सुनो बारिश का बूॅंदें आसमान से आईं,
डमरु के आह्लादित स्वर की गरिमा जैसे लाईं
एक करिश्मा देखो बादल पानी भर-भर लाते
(2)
देखो काले-काले बादल तेजी से हैं भागे
होड़ लगी है इनमें देखें कौन निकलता आगे
इनकी गर्जन सुनो रूप भंडारी यह दिखलाते
(3)
नृत्य कर रहे पौधे, इनका अन्तर्मन मुस्काया,
होकर भाव-विभोर नाचते, सबने इनको पाया
पर्वत-नदी-वृक्ष-बादल मन को निर्मल कर जाते
सावन में मनभावन शंकर नजर सब जगह आते
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451