मनःस्थिति
मुक्त छंद??
———————
था अंतर्नाद
मन अंतस्थल में
पीडा का भाव ।
समझा कौन?
निःशब्द भावना का
अंध प्रभाव ।
अब जीवन
भावनाओं से बस
प्रीति,लगाव ।
???पंकज पाण्डेय…….
मुक्त छंद??
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था अंतर्नाद
मन अंतस्थल में
पीडा का भाव ।
समझा कौन?
निःशब्द भावना का
अंध प्रभाव ।
अब जीवन
भावनाओं से बस
प्रीति,लगाव ।
???पंकज पाण्डेय…….