Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 2 min read

मधुर गीत

सागर संग मिलने से पहले
कुछ ऐसा तुम कर जाओ
कल कल करती बहती नदिया
गीत माधुर तुम गा जाओ ।

जब से तुम शिखरों से उतरे
पग पग ठोकर खाते रहे
ज्यों ही तुमने छुआ धरा को
मानव बिसात बिछाते रहे
पर हित बहता सलिल तुम्हारा
गीत प्रेम के गाता है
तुमने अपना धर्म निभाया
सादियों का यह नाता है
भूलो जग की बातें फिर से
उदारमना तुम हो जाओ
प्रियतम से मिलने से पहले
प्राण धारा को दे जाओ

सागर संग मिलने से पहले
कुछ ऐसा तुम कर जाओ
कल कल करती बहती नदिया
गीत माधुर तुम गा जाओ ।।

राह सखी जो मिली तुम्हें
उसका तुमने दामन थामा
भूल गए क्या उसका अपना
मिलकर कदम बढ़ाते हो
बांह पकड़ तुम उसकी फिर
नित नई राह दिखलाते हो
लोग तुम्हीं से शुचितर होते
और तुम्हीं को करते दूषित
भुलाकर उनके अपराधों को
तुम, आंचल में उन्हें समाते हो
परहित सोच तुम्हारी प्रतिपल
धर्म ध्वजा तुम फहरा जाओ

सागर संग मिलने से पहले
कुछ ऐसा तुम कर जाओ
कल कल करती बहती नदिया
गीत माधुर तुम गा जाओ ।।

बंध्या धरती के भाग जगे
जब जब तुमने आशीष दिए
त्रस्त होंठ फिर सरस हुए
जब जब तुमने छूआ है
कृषक बालिका के बने महोत्सव
जब खेतों में उसके पहुंची हो
जब जब तुम ठहरी हो सरिते
जब तुमने है रुक कर देखा
मरुभूमि में पहुंच गई तुम
लेकर अपनी सखियां सारी
झूमा कृषक और सारे जन उसके
तुम मधुर रूप निज दिखला जाओ

सागर संग मिलने से पहले
कुछ ऐसा तुम कर जाओ
कल कल करती बहती नदिया
गीत माधुर तुम गा जाओ ।।

94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
View all
You may also like:
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
* बाँझ न समझो उस अबला को *
* बाँझ न समझो उस अबला को *
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सात शरीर और सात चक्र को जानने का सरल तरीके। लाभ और उद्देश्य। रविकेश झा।
सात शरीर और सात चक्र को जानने का सरल तरीके। लाभ और उद्देश्य। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
अपनी मिट्टी की खुशबू
अपनी मिट्टी की खुशबू
Namita Gupta
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
यार ब - नाम - अय्यार
यार ब - नाम - अय्यार
Ramswaroop Dinkar
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,
कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बरसात
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से
मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से
Shweta Soni
अहंकार
अहंकार
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
" बोझ "
Dr. Kishan tandon kranti
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
Ranjeet kumar patre
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
भूल कर
भूल कर
Dr fauzia Naseem shad
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
शमा जली महफिल सजी,
शमा जली महफिल सजी,
sushil sarna
यू-टर्न
यू-टर्न
Shreedhar
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
त्राहि त्राहि
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
एक वो भी दौर था ,
एक वो भी दौर था ,
Manisha Wandhare
तुम्हारी शरारतें
तुम्हारी शरारतें
Dr. Rajeev Jain
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
Loading...