मधुर उपहार दीवाली (गीतिका)
मधुर उपहार दीवाली(गीतिका)
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(1)
खुशी लेकर चली आए सभी के द्वार दीवाली
मिटा दे हर तरफ छाया हुआ अँधियार दीवाली
(2)
कलुष मन में बचा किंचित भी अब रहने नहीं पाए
सिखा दे साधुता का सबको शुभ व्यवहार दीवाली
(3)
कहीं जगमग उजाला हो, कहीं अँधियार पसरा हो
न हो जाए कहीं ऐसे ही फिर बेकार दीवाली
(4)
हवा की गुनगुनी ठंडक महक उठती है साँसों में
दिया कार्तिक का कुदरत ने मधुर उपहार दीवाली
(5)
हवा में गंध बारूदी हमें अच्छी नहीं लगती
प्रदूषण-मुक्त सब मिलकर करें तैयार दीवाली
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 9997615451