मधुमास पतझर हो नहीं सकता
बा’जारें इश्क का वीरान मंजर हो नही सकता
मुहब्बत से तराशा बुत ये पत्थर हो नही सकता
कभी भी हुश्न धोखा इश्क को देता नही लोगो
गुलों के वास्ते मधुमास पतझर हो नही सकता
©
शरद कश्यप
बा’जारें इश्क का वीरान मंजर हो नही सकता
मुहब्बत से तराशा बुत ये पत्थर हो नही सकता
कभी भी हुश्न धोखा इश्क को देता नही लोगो
गुलों के वास्ते मधुमास पतझर हो नही सकता
©
शरद कश्यप