मदनारी छंद
मदनारी छंद
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ढोलक मुरली अनहद बाजे,
औरत मटकी पनघट साजे ।
सुंदर लगते रसफल ताजे,
आज ह्रदय में, सजन विराजे ।।
रमेश शर्मा.
मदनारी छंद
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ढोलक मुरली अनहद बाजे,
औरत मटकी पनघट साजे ।
सुंदर लगते रसफल ताजे,
आज ह्रदय में, सजन विराजे ।।
रमेश शर्मा.