Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2020 · 1 min read

–मत हो परेशान रे मानव–

विधाता ने जीव की उत्पति से पहले
उसके पृथ्वी छोड़ कर जाने की
तिथि निश्चित कर देता है कि किस को कब यह संसार को छोड़ना है
मृत्यु इंसान को अगले सफर का मुसाफिर बना देती है जिस जिस का स्टेशन आता है वो उतर जाता है !

गुरु गोविंद सिह जी ने कहा था
जो चला गया है पृथ्वी को छोड़ कर आप उसको याद करके ज्यादा परेशान नही हो , इस तब पर कभी घमंड न करना क्योकि वो जिस जगह
जिस योनि में होगा बहुत खुश होगा
ये तो संसार का जीवन चक्र है
जो आया है सो जाएगा
जो अच्छे इंसान होते है
ईश्वर उनको विशेष स्थान देकर
अपने पास बैठा लेता है
संसार की कठिनाइयों से दूर अपने चरणों मे लगा देता है, और
जिन के कर्म अच्छे नहीं होते उनको अपने कर्मों के भुगतान के लिए कष्ट झेलने ही पड़ते हैं

इस लिए इस तन पर इतना नाज कभी न करो, जैसे हवा में बुलबुला फूट जाता है , ऐसे ही यह सांस के निकलते ही अपने निज धाम को प्रस्थान कर जाता है..

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
एक रुबाई...
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
अहा! जीवन
अहा! जीवन
Punam Pande
इंसानियत खो गई
इंसानियत खो गई
Pratibha Pandey
पिता
पिता
Shashi Mahajan
इंसान हो या फिर पतंग
इंसान हो या फिर पतंग
शेखर सिंह
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
फ़र्क़..
फ़र्क़..
Rekha Drolia
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
Ranjeet kumar patre
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
Shweta Soni
भीड़ से आप
भीड़ से आप
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
Neelofar Khan
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
Ravi Prakash
व्यथा दिल की
व्यथा दिल की
Devesh Bharadwaj
तुम्हें लिखना आसान है
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
जीवन साथी
जीवन साथी
Aman Sinha
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
" इम्तिहां "
Dr. Kishan tandon kranti
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
"डोजर" के चेप्टर पर तो "क्लोजर" लगा दिया हुजूर!अब "गुल" खिला
*प्रणय*
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ना जाने ज़िंदगी में कई दाॅंव - पेंच होते हैं,
ना जाने ज़िंदगी में कई दाॅंव - पेंच होते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
पूर्वार्थ
मैं स्त्री हूं भारत की।
मैं स्त्री हूं भारत की।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...