–मत हो परेशान रे मानव–
विधाता ने जीव की उत्पति से पहले
उसके पृथ्वी छोड़ कर जाने की
तिथि निश्चित कर देता है कि किस को कब यह संसार को छोड़ना है
मृत्यु इंसान को अगले सफर का मुसाफिर बना देती है जिस जिस का स्टेशन आता है वो उतर जाता है !
गुरु गोविंद सिह जी ने कहा था
जो चला गया है पृथ्वी को छोड़ कर आप उसको याद करके ज्यादा परेशान नही हो , इस तब पर कभी घमंड न करना क्योकि वो जिस जगह
जिस योनि में होगा बहुत खुश होगा
ये तो संसार का जीवन चक्र है
जो आया है सो जाएगा
जो अच्छे इंसान होते है
ईश्वर उनको विशेष स्थान देकर
अपने पास बैठा लेता है
संसार की कठिनाइयों से दूर अपने चरणों मे लगा देता है, और
जिन के कर्म अच्छे नहीं होते उनको अपने कर्मों के भुगतान के लिए कष्ट झेलने ही पड़ते हैं
इस लिए इस तन पर इतना नाज कभी न करो, जैसे हवा में बुलबुला फूट जाता है , ऐसे ही यह सांस के निकलते ही अपने निज धाम को प्रस्थान कर जाता है..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ