मत सनम हमको इतना सताया करो
याद हर पल हमें यूँ न आया करो
मत सनम हमको इतना सताया करो
जान ले लेगी कातिल तुम्हारी हँसी
सामने यूँ नहीं मुस्कराया करो
सादगी इतनी भी देखो अच्छी नहीं
नाज़-नखरे ज़रा तो दिखाया करो
प्यार में हम न हम, तुम न तुम ही रहे
शौक से हक ये पूरा जताया करो
कुछ समय के लिये भूल जाओ जहां
तुम कभी मिलने ऐसे भी आया करो
गीत गज़लों में लिखते हो जो भी हमें
बैठ पहलू में हमको सुनाया करो
ज़िन्दगी ये तुम्हारी ही है ‘अर्चना’
अच्छा लगता है फिर फिर बताया करो
02-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद