-मत रोको
मत रोको इन नन्ही कलियों को खिलने से,
खिलने दो महकने दो अपनी आजादी से,
मत पकड़ो इन प्यारी तितलियों को, जाने दो,
एक पुष्प से दूसरे पुष्प में पराग जुटाने को,
मत कैद करो निराले पक्षियों को,
उड़ने दो दूर गगन में उनको चहकाने दो,
मत टोको सब प्यारी बेटियों को,
पढ़ने दो आगे बढ़ने दो, मंजिल को पाने दो
आजादी से,महकने दो चहकने दो
खिलने दो ,हंसने दो,
अपने सपनों को पूरे करने दो,
मत रोको मेरी कलम को, लिखने दो
शब्दों को सजाने दो, कविता को रचने दो।
_ सीमा गुप्ता