मत बदलना तुम पिया- a song of love
मत बदलना तुम पिया
फैसला गीत- कोमल काववया
फैसला मौसम के जैसे मत बदलना तुम पिया
रुख अगर बदले हवा तो साथ चलना तुम पिया।
है अमावस रात काली दर रहा नन्हा सा मन
नैन मे विश्वास का बन दीप जलना तुम पिया।
बस गली के उस मुहाने पर तो ठहड़ा घर मेरा
हाँ यही मुश्किल डगर है अब सम्हलना तुम पिया।
हमने काटा है विरह जो राम सीता की तरह
जग के तानों से हो आहत अब न छलना तुम पिया।
मौसमों की बारिशों मे ढह न जाए घर मेरा
एक जरा सी बूंद से ही मत पिघलना तुम पिया।
मींड़ के पहलू मे आकर भावना के ताप मे
प्रीत का मधुरम्म सपन बन नित्य पलना तुम पिया।
मांग मे सिंदूर भरकर तुमने जब अपना कहा
पूरी साँचे मे ढहली हूँ कुछ तो ढहलन तुम पिया ।
Tam सघन है बंद नयन है खोजूँ सूरज का पता
रोशनी के ईश दिनकर सा निकलना तुम पिया ।
। फैसला मौसम के जैसे मत बदलना तुम पिया ।
रुख अगर बदले हवा तो साथ चलना तुम पिया ।